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आ गया महाविनाश समय ! जब खत्म हो जाएगी दुनिया, वैज्ञानिकों ने बताया कैसे और कब आएगा प्रलय
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धरती पर प्रलय को लेकर कई बार भविष्यवाणी की जा चुकी है। करीब 433 मिलियन साल पहले धरती पर पहली बार प्रलय आई थी, जिसे एंड-ऑर्डोविसियन कहा गया। इस दौरान धरती पर स्थित पानी बर्फ में बदलने लगा और जीवों की मौत होने लगी। प्रलय के दौरान करीब 86 प्रजातियां समाप्त हो गईं। इसके बाद बची हुईं प्रजातियां मौसम के अनुसार खुद को ढाल लिया था। करंट बायलॉजी जर्नल में साल 2017 में इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
माना जाता है कि इस दौरान एक एस्टेरॉयड की धरती से टक्कर हुई थी। लेकिन सवाल यह है कि क्या धरती से एस्टेरॉयड के टक्कर के बाद ऑक्सीजन खत्म हो गई? क्या इसकी वजह से ही मजबूत प्रजातियों में शामिल डायनासोर खत्म हो गए? बहस के बीच यह भी माना गया है कि वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ा और ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम हो गया जिसकी वजह से 76 प्रजातियों की मौत हो गई।
अब वैज्ञानिक छठवीं विनाश को लेकर चर्चा करने लगे हैं। यह क्यों, कब और कैसा होगा? प्रसिद्ध जीवाश्म वैज्ञानिक रिचर्ड लीके ने चेतवानी दी थी धरती पर छठवें विनाश के लिए इंसान जिम्मेदार होगा। अभी तक धरती पर आने वाली पाचों तबाही प्राकृतिक थीं और यह किसी जीव जंतु की वजह से नहीं आई थीं। अब वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों की गतिविधियां बढ़ने की वजह से ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा है जिससे इस बार अधिक खतरा है।
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वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च के बाद बताया कि आखिर वह कौन सा दिन होगा, जब पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी. धरती पर एक भी इंसान, जीव जंतु जिंदा नहीं बचेंगे. यहां तक कि पेड़-पौधे भी नष्ट हो जाएंगे. चारों ओर तबाही का मंजर होगा. विनाश ही विनाश. यह सब देखने के लिए हममें से कोई भी नहीं होगा. हालांकि, डरिए मत. इतनी जल्दी कुछ भी नहीं होने वाला. इसमें अभी काफी समय है. लेकिन ये जान लीजिए कि वैज्ञानिक ऐसा क्यों कह रहे हैं?
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक से यह रिसर्च की. जानने की कोशिश की कि अगर धरती पर आज जैसे ही हालात रहे, तो कब कयामत की स्थिति होगी. नतीजे चौंकाने वाले थे. पता चला कि आज से 250 मिलियन वर्ष बाद धरती पर प्रलय आ सकती है. तब इंसान और सारे जीव जंतु खत्म हो जाएंगे.वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उस वक्त धरती का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. इस तापमान में किसी भी जीव के लिए जिंदा रहना असंभव हो जाएगा. सभी स्तनधारी नष्ट हो जाएंगे. ये भी दावा है कि जिस तेजी से हम कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं, उससे यह वक्त और जल्दी आ सकता है. हो सकता है कि 66 मिलियन वर्ष पहले ही तबाही आ जाए. डायनासोर के विलुप्त होने के बाद यह पहला सामूहिक विलोपन होगा.
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इंसान शरीर की गर्मी नहीं निकाल पाएगा
रिसर्च टीम के प्रमुख डॉ. अलेक्जेंडर फार्नस्वर्थ ने कहा, उस वक्त धरती पर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर वर्तमान से दोगुना हो सकता है. इससे इंसान पसीने के माध्यम से शरीर की गर्मी नहीं निकाल पाएगा. शरीर तेजी से हीट होगा और उसकी मौत हो जाएगी. तब पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक साथ मिलकर एक सुपरकॉन्टिनेंट का निर्माण करेंगे, जिसे पैंजिया अल्टिमा के नाम से जाना जाएगा. धरती डोनट-आकार की हो जाएगी और बीच में समुद्र होगा.
प्रशांत महासागर धरती को डूबो देगा
वैज्ञानिकों ने कहा, प्रशांत महासागर धरती के अधिकांश हिस्से को डूबो देगा. फिर धरती पहले गर्म होगी, फिर शुष्क और अंत में यह निर्जन हो जाएगी. लगातार ज्वालामुखी विस्फोट होंगे. धरती का ज्यादातर हिस्सा उसके लावा से ढक जाएगा. इससे भारी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन होगा. लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाएगा. भोजन के सारे स्रोत नष्ट हो जाएंगे. लेकिन ये वक्त आने में अभी काफी समय है.