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Amazing Facts: दुनिया के ऐसे स्थान जहां ग्रेविटी भी नहीं करती काम,जमीन से ऊपर जाती है चीजें
factdunia.in दुनियाभर में कई ऐसी जगहें मौजूद हैं जहां पर गुरुत्वाकर्षण का नियम भी शून्य हो जाता है। इन स्थानों पर चीजें नीचे से ऊपर की ओर बढ़ती हैं या अन्य अनियमितता देखने को मिलती है। अगर आप भी कुछ ऐसे ही अमेजिंग स्थानों के बारे में जानना चाहते हैं तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है। आप यहां से जीरो ग्रेविटी स्थानों के बारे में जान सकते हैं।
हम सभी ने बचपन में गुरुत्वाकर्षण के नियम को को पढ़ा होगा। इस नियम का प्रतिपादन न्यूटन ने किया था जिसका आईडिया उनके ऊपर पेड़ से सेब गिरने पर आया था। उसके बाद उन्होंने सोचा कि हर चीज ऊपर से गिरने के बाद नीचे ही क्यों आती है और उन्होंने गुरुत्वाकर्षण के बारे में खोज की। लेकिन क्या आप जानते हैं हमारी पृथ्वी पर अभी भी कई ऐसी जगहें हैं जहां ग्रेविटी काम नहीं करती है। यहां से पर चीजें अपने आप ही नीचे से ऊपर की ओर बढ़ती हैं जो इस नियम के विपरीत काम करता है। अगर नहीं तो हम यहां कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके जरिये आप आप आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भारत की मैग्नेटिक हिल-
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मैग्नेटिक हिल भारत के लद्दाख में श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर स्थित है। यहां की यह एक खासियत है कि इस पहाड़ी पर किसी गाड़ी को बंद करके न्यूट्रल में छोड़ दिया जाये तो गाड़ी ग्रेविटी का नियम न मानते हुए अपने आप पहाड़ी की ओर बढ़ने लगती है। पहले तो यह प्रक्रिया धीरे-धीरे हिलने से शुरू होती है लेकिन कुछ समय बाद गाड़ी स्पीड पकड़कर 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से आगे बढ़ने लगती है।
यूनाइटेड स्टेट्स का हूवर बांध-
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यूनाइटेड स्टेट्स का हूवर बांध दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां पर लोग देश-विदेश से इसकी खूबसूरती और इसकी जीरो ग्रेविटी के कारण खिंचे चले आते हैं। इस बांध की खासियत है कि अगर आप इसके ऊपर से पानी नीचे गिराएंगे तो यह पानी नीचे न जाने के बजाय ऊपर की ओर उड़ने लगता है। इसका कारण है कि यह बांध 221.4 मीटर ऊंचा और 379 मीटर लंबा है। इसकी बनावट धनुष के आकार की है। इसलिए यहां से पर तेज गति से हवाएं बांध के नीचे से ऊपर की ओर बहती है इसी कारण से पानी भी नीचे न जाकर ऊपर उड़ता हुआ दिखाई देता है।
रिवर्स वाटरफॉल-
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रिवर्स वाटरफॉल भारत के महाराष्ट्र के सिंहगढ़ में स्थित है। इस झरने की एक खासियत है कि इसका पानी नीचे जाने की बजाय ऊपर जाता हुआ प्रतीत होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा एंटी-ग्रैविटेशनल फोर्स और नीचे से ऊपर की ओर बह रही तेज हवाओं के दबाव के कारण होता है।
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