Badrinath Dham के इस कुंड का पानी सालभर रहता है गर्म, यहां स्नान मात्र से दूर होता है बड़े से बड़ा रोग

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बद्रीनाथ में स्थित तप्त कुंड – Tapta Kunda in Badrinath बद्रीनाथ मंदिर चारों ओर से बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है। इस जगह का तापमान साल भर ठंडा रहता है, लेकिन मंदिर से कुछ मिनट की दूरी पर स्थित तप्त कुंड में गर्म पानी आता है, जी हां, तप्तकुंड में सालभर पानी गर्म आता है। इसे भगवान अग्निदेव का निवास स्थान माना जाता है बद्रीनाथ तप्त कुंड की क्या है अलौकिक कथाएं व गर्म पानी का रहस्य ?

 

अतुल्यनीय  बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple)

हिन्दू धर्मों में चार धाम यात्रा का अपना एक विशेष महत्व है। इनमें गंगोत्री, यमुनोत्री,केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल हैं। इस अलौकिक धाम की यात्रा देश का हर हिंदू करना चाहता है। भगवान बद्रीनाथ का मंदिर हिमालय पर्वत की श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। करीब 3133 मीटर की ऊँचाई पर बने इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। इसके बारे में कई अलौकिक कथाएं भी प्रचलित हैं। नर और नारायण पहाड़ों के बीच कस्तूरी शैली में बना यह मंदिर। मुख्य रूप से भगवान विष्णु का मंदिर है। यहाँ नर और नारायण की पूजा की जाती है। यहाँ भगवान विग्रह रूप में विराजमान है। मंदिर तीन भागों में विभाजित है।

गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामंडप।  यहाँ का तापमान हमेशा 9-10 डिग्री सेल्सियस रहता है लेकिन यहां उपस्थित तप्त कुण्ड का तापमान औसतन 54 डिग्री सेल्सियस रहता है। यह अपने आप मे एक चमत्कार है जो मंदिर चारों ओर से वर्फ की ढकी पहाड़ियों से घिरा हो। जहाँ के नल का पानी भी जम हो जाता हो। वहां इस तप्त कुण्ड में इतना गर्म पानी कैसे रहता है। तो बिना विलम्ब किये आये जानते हैं। क्या है इस चमत्कारी तप्त कुण्ड का रहस्य ?

 तप्त कुंड(सूर्यकुण्ड)

माना जाता है कि  इस बद्रीधाम में गर्म पानी का एक कुण्ड मिलता है। जहाँ स्नान करने से शरीर संबंधित सभी प्रकार के चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है। बाहर से छूने पर कुंड का पानी काफी गर्म लगता है। लेकिन नहाते समय कुंड का पानी शरीर के तापमान जितना ही हो जाता है। तप्त कुण्ड की मुख्य धारा को दो भागों बांट कर यहाँ महिलाओं और पुरुषों के लिए अलक-अलक स्नान कुण्ड बनाया गया है। माना जाता है नीलकण्ड की पहाड़ियों से  इस पानी का उद्गम है। जन आस्था काकहना है कि जिसने भी जल्दबाजी में इस कुंड में छलांग लगाई वह दोगुनी रफ्तार से बाहर आ जाता है। इस तप्त कुण्ड के रहस्य की गुत्थी कई वैज्ञानिक भी सुलझा नहीं पाए हैं। माना जाता है कि भगवान बद्रीनाथ ने यहाँ तप किया था। वही पवित्र स्थल आज तप्त कुण्ड के नाम से विश्व विख्यात है। मान्यता है कि उनके तप के रूप में ही आज भी उस कुंड में गर्म पानी रहता है।

मान्यता ये भी है कि इस तप्त कुण्ड में साक्षात सूर्य देव विराजते हैं। वहाँ के पुरोहित बताते हैं कि भगवान सूर्य देव को भक्षा-भक्षी की हत्या का पाप लगा था। तब भगवान नारायण के कहने पर  सूर्य देव बद्रीनाथ आये और तप किया। तब से सुर्य देव को भगवान ने जल रूप में विचलित किया। जिसमें स्नान कर लोग अपनी शरीर सम्बंधी सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। और भगवान के दर्शन कर पापों से मुक्ति पाते हैं। मंदिर से महज चार किलोमीटर की दूरी बसा है माना गाँव कहते हैं इसी गांव से धरती का स्वर्ग निकलता है। लोगों का ये भी कहना ये की यहाँ आने से पैसों सम्बंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। यहां मौजूद गणेश गुफा, भीम पुल, व्यास गुफा अपने आप में कई पौराणिक कथाओं को समेटे हुए हैं।

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